दिल्ली हाईकोर्ट ने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए के के तर्ज पर वर्ष में दो बार नीट यूजी आयोजित करवाने को लेकर जो याचिका दायर की गई थी उसे पर फैसला दे दिया है मुख्य न्यायाधीश दी को उपाध्यक्ष एवं मूर्ति तुषार राव गेडेला की पीटने वर्ष में दो बार आयोजित करने वाली याचिका पर फैसला दिया है दरअसल एक कोचिंग टीचर ने यह मांग की थी कि के की तर्ज पर नीट यूजी 20 साल में दो बार आयोजित करवाई जाए इसके लिए उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
नीट यूजी दो बार आयोजित करने को लेकर कोर्ट का फैसला
दिल्ली हाई कोर्ट ने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए जी की तर्ज पर जो नीट यूजी साल में दो बार आयोजित करवाने को लेकर याचिका दायर की थी उसके ऊपर मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्यक्ष एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ के द्वारा एक फैसला दिया गया है जिसमें हाई कोर्ट की तरफ से बताया गया है कि नीट यूजी दो बार आयोजित करवाने या न करवाने का फैसला प्रशासनिक क्षेत्राधिकार में आता है जिसमें न्यायालय हस्तक्षेप नहीं कर सकता है लैंड फिट में यह भी कहा है कि प्राधिकरणों को इस प्रार्थना पत्र पर विचार करना चाहिए यह सरकार का नीतिगत निर्णय है।
अदालत की तरफ से कहा गया कि यदि अधिकारियों को कोई आवेदन या प्रतिवेदन दिया जाता है तो उन्हें उसे पर विचार करना चाहिए और कानून के तहत उचित निर्णय लेना चाहिए याचिकाकर्ता ने कहा कि जेईई परीक्षा कई पारियों में आयोजित की गई थी और अभ्यर्थियों को मनोवैज्ञानिक दबाव कम करने और उन्हें अपने ग्रेड सुधार के लिए प्रेरित करने के लिए कई मौके दिए गए थे याचिका में कहा गया कि हालांकि राष्ट्रीय पात्रता से प्रवेश परीक्षा नीट यूजी में शामिल होने वाले को सिर्फ एक ही मौका दिया गया उन्हें एक से अधिक बार मौका मिलना चाहिए खंडपीठ ने कहा कि कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं हैं जिनमें अभ्यर्थियों को कई मौके नहीं मिलते हैं।
नीट यूजी 2025 के लिए वर्तमान में आवेदन फार्म भरे जा रहे हैं इसके लिए 7 मार्च तक का समय दिया गया है इसमें लगभग 24 लाख से ज्यादा उम्मीदवार आवेदन फॉर्म भर सकते हैं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से हर वर्ष मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए नीट यूजी का आयोजन किया जाता है नीट यूजी से देश भर में एमबीबीएस व अन्य मेडिकल कोर्सेज के लिए प्रवेश लिया जाता है एमबीबीएस कोर्स के लिए 18000 सीट हैं जिसमें से 56000 सीट सरकारी कॉलेज के लिए है और 52000 सीट निजी कॉलेजों के लिए है इस बार परीक्षा की अवधि घटा दी गई है पहले इसके लिए 3 घंटे 20 मिनट का समय दिया जाता था लेकिन अब इसके लिए सिर्फ 3 घंटे का समय मिलेगा पेपर पहले की तरह 720 अंक का होगा पहले 20 अतिरिक्त सवालों को पढ़ने के लिए 3 घंटे के बजाय 3 घंटा 20 मिनट का समय मिलता था।
इस बार थोड़ा एग्जाम पैटर्न भी बदल गया है विद्यार्थियों को अभी तक 200 में से 180 पर्सन हल करने होते थे लेकिन अब दोस्तों की बजाय 180 प्रश्न पेपर के अंदर आएंगे और उसी के आधार पर उनको 180 प्रश्न हल करने होंगे ऑप्शनल प्रश्नों की शुरुआत कोविद के दौरान की गई थी जिसे अब हटाने का फैसला लिया गया है।