आठवीं वेतन आयोग को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से एक बड़ी खबर है सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और सेवानिवृत्ति सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन का पूर्व लोकन करने के लिए आठवी वेतन आयोग की स्थापना की है जिसके लिए तेजी से आगे काम बढ़ा दिया गया है व्यय सचिव मनोज गोविल ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि वेतन आयोग वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अप्रैल महीने में अपना काम शुरू कर सकता है हालांकि इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल को आयोग के संदर्भ की शर्तों कोई इसके लिए मंजूरी देनी होगी इसके साथ ही आयोग इस संदर्भ में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और रक्षा मंत्रालय से पहले विचार भी करेगा।
यहां पर मनोज गोविल ने यह भी स्पष्ट किया की आठवीं वेतन आयोग का वित्तीय प्रभाव 2026 तक नहीं होगा इसका मतलब स्पष्ट रूप से युवक की आगामी केंद्रीय बजट में आयोग की कार्यवाही के लिए धन आवंटित किया जाएगा ताकि इससे जुड़े वित्तीय प्रभाव को कर किया जा सके यह संशोधन भारत की एकीकृत पेंशन योजना यानी यूपीएस को भी प्रभावित कर सकता है।
आठवां वेतन आयोग केंद्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए जारी किया जाता है यानी कि कर्मचारीयों सेवानिवृत कर्मचारियों की वेतन बातों और पेंशन में सुधार के उद्देश्य के लिए यह आयोग गठन किया जाता है इसके तहत वेतन वर्दी महंगाई भत्ते और समायोजन मुद्रास्फीति दर की सबसे अन्य जरूरी बदलाव किए जाएंगे इसके अंदर लगभग 50 लाख से अधिक कर्मचारी प्रभावित होंगे अंदाजा लगाया जा रहा है की आठवीं वेतन आयोग का लाभ 50 लाख से अधिक कर्मचारियों को मिल सकता है जिनमें रक्षा कर में भी शामिल है रिपोर्ट के अनुसार न्यूनतम मूल वेतन 18000 से बढ़कर लगभग 51000 से अधिक हो सकता है जिसमें कर्मचारियों को राहत में लेकर संभावना है।
वेतन आयोग की बात करें तो हर 10 साल में एक बार वेतन और पेंशन के संशोधन पर चर्चा और निर्णय के लिए यह गठित किया जाता है सरकार ने अब तक 7 वेतन आयोग की स्थापना की है जिसके आधार पर ही सरकारी कर्मचारियों के वेतन भत्ते में सुधार किया है अब आठवी वेतन आयोग का गठन किया जा रहा है आने वाले महीने में इस पर और अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है और यह कर्मचारियों के लिए एक बड़ी उम्मीद का अवसर बन सकता है।